Tuesday 20 January 2015

श्री आदेश नाथ जी

मेरे गुरुदेव प्रभु श्री आदेश नाथ जी के अनुपम वचन :
सत युग, त्रेता युग और द्वापर युग में एक अच्छी बात थी कि उस समय मनुष्य , देव एवं दानव की वेश भूषा , वार्ता , रहन सहन अलग थी ।
देव सुन्दर स्वच्छ आभूषण युक्त एवं संस्कृत बोलते थे । सभी से प्रेम तथा कृपा करते थे । देव सत्कर्म में लीन रहते थे ।
मनुष्य साधारण क्रियाकलापों को करते और हिंदी बोलते थे । सांसारिक कृत्य कर परमेश्वर की उपासना करते थे ।
दानव गंदे एवं मांस मदिरा पी कर उद्धम मचाते थे । अपशब्द बोलते थे । मनुष्य तथा देवों को परेशान करते थे।
जब कलिकाल का पदार्पण हुआ तब सब एक सम हो गए । सबकी वेश भूषा व्यवहार तथा वार्ता एक सामान हो गयी । अंतर कर पाना मुश्किल हो गया ।
सब एक साथ रहने लगे । देव मनुष्य और दानव के भाव ही इस पृथ्वी पर रह गए ।
पर मनुष्य की बुद्धि जीवित है । देव मनुष्य और दानव में भेद उनके कार्य कलापों से ज्ञात किया जा सकता है । पर व्यवहार तथा भेद जानने के लिए थोडा परिश्रम करना पड़ेगा । भाव तथा क्रिया कलापों से ही जाना जा सकता है कि कौन देव है कौन मनुष्य और कौन दानव ।
जय गुरुदेव ।।। श्री नाथ जी गुरु जी को आदेश आदेश आदेश ।।
अलख आदेश ।।।

http://aadeshnathji.com/aadeshnathji-vachan/

5 comments:

  1. Guruji Apke contect no.ashram's ka address bheje.Dr.Dharmendra Singh Jadon,Jaipur Rajasthan mob.no.8949585311. Adesh

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  2. kripaya apna contact number bheje guruji .biju pariyar 9800373359

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  3. Guru g adesh adesh . Mai punjab se hu. Plz app apna contact bheje. Mujhe apki bahut jaroorut hai. Mera 9041420536

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