Sunday 22 February 2015

सनातन धर्म की विडम्बना

                              ॐ सत नमो आदेश श्री नाथजी गुरूजी को आदेश आदेश आदेश 


                                           क्या यही सनातन समाज है । जहां इष्ट की पूजा में चमत्कार का कोई स्थान नहीं था । और आज चमत्कार दिखाने वाले को भगवान् बना दिया जाता है । इष्ट का कोई महत्त्व नहीं है ? चमत्कार दिखा अनुयायी बन गए और लड़ने लगे उनके नाम पर । अपने गुरु को सबसे ऊपर दिखाने के क्रम में अंध श्रद्धा को बढ़ावा देते लोग । ज्ञान की क्या यही सनातन समाज है । जहां इष्ट की पूजा में चमत्कार का कोई स्थान नहीं था । और आज चमत्कार दिखाने वाले को भगवान् बना दिया जाता है । इष्ट का कोई महत्त्व नहीं है ? चमत्कार दिखा अनुयायी बन गए और लड़ने लगे उनके नाम पर । अपने गुरु को सबसे ऊपर दिखाने के क्रम में अंध श्रद्धा को बढ़ावा देते लोग । ज्ञान की बाते सुन के या पढ़ के ख़ुशी ख़ुशी प्रवचन करते गया लोग एवं स्वः में कुछ भी आत्मसात ना करते लोग । कहाँ गया हमारा सनातन धर्म । हर समय सनातन धर्म का डंका बजाते लोग । सनातन धर्म सबसे ऊपर बताते और कार्य तुच्छता का करते लोग ।बाते सुन के या पढ़ के ख़ुशी ख़ुशी प्रवचन करते गया लोग एवं स्वः में कुछ भी आत्मसात ना करते लोग । कहाँ गया हमारा सनातन धर्म । हर समय सनातन धर्म का डंका बजाते लोग । सनातन धर्म सबसे ऊपर बताते और कार्य तुच्छता का करते लोग ।

No comments:

Post a Comment