Friday 13 February 2015

औघड़ वाणी

                              ॐ सत नमो आदेश श्री नाथजी गुरूजी को आदेश आदेश आदेश

                                           औघड़ वाणी: हर व्यक्ति में देव मनुष्य एवं दानव तत्व विद्यमान रहते हैं । जब व्यक्ति ज्ञान की बात करे या अर्जित करे वह देव तत्व में रहता है । जब सांसारिक कार्यकलापों में लीन होता है तब मनुष्य तत्व में और जब विध्वंश या मलीन सोच से घिरा होता है तब वह दानव तत्व से पूर्ण होता है । अपने क्रिया कलापों को किस दिशा में मोड़ना है यह एक साधक का कार्य होता है । किस तत्व को सर्विपरी रख कर व्यवहार करना है इसका निर्धारण अति महत्वपूर्ण है । अगर देव या संत ना बन सको तो दानव भी मत बनने का प्रयास करो ।
अलख आदेश ।।।

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