Tuesday 10 February 2015

औघड़ वाणी

                                   ॐ सत नमो आदेश श्रीनाथजी गुरूजी को आदेश आदेश आदेश


 औघड़ वाणी: गुरु एवं शिष्य का बंधन सांसारिक होकर भी आध्यात्मिक है । सांसारिकता से आध्यात्मिकता की ओर अग्रसर होता होता परम तक पहुचने का मार्ग है । अगर गुरु शिष्य के मध्य में किसी भी रूप का सांसारिक भेद भाव है तो आत्मा रुपी गुरु और शिष्य रुपी शरीर का मिलन नहीं हुआ है । जब तक शरीर आत्मा में रमेगी नहीं तब तक आत्मा को समझ पाना असंभव है ।
आत्मा बिना शरीर में आत्मसात हुए अधूरी है उसी प्रकार शरीर बिना आत्मा को समझे अधूरा है ।।
अलख आदेश ।।।




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