ॐ सत नमो आदेश श्री नाथजी गुरूजी को आदेश आदेश आदेश
साधक अक्सर कहते हैं कि साधना के मध्य अनेक अनर्गल विचार आते हैं । अलग अलग भाव आते हैं जिनका कोई सरोकार नहीं होता है ।
साधना के मध्य आने वाले भाव उनके अन्तः मन में छिपे हुए भाव ही होते हैं । जो साधना के मध्य में सफाई का काम करते हैं । जो भाव एक बार आ गए वो दुबारा नहीं आते । अगर आते हैं तो सफाई बाकी रह गयी होती है । अतः साधक साधक को साधना के मध्य आने वाले भावों से घबराना नहीं चाहिए । अपितु सफाई समझ कर इष्ट को समर्पित हो जाना चाहिए ।
अलख आदेश ।।।
साधना के मध्य आने वाले भाव उनके अन्तः मन में छिपे हुए भाव ही होते हैं । जो साधना के मध्य में सफाई का काम करते हैं । जो भाव एक बार आ गए वो दुबारा नहीं आते । अगर आते हैं तो सफाई बाकी रह गयी होती है । अतः साधक साधक को साधना के मध्य आने वाले भावों से घबराना नहीं चाहिए । अपितु सफाई समझ कर इष्ट को समर्पित हो जाना चाहिए ।
अलख आदेश ।।।
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