ॐ सत नमो आदेश श्रीनाथजी गुरूजी को आदेश आदेश आदेश
आपकी इक्षा पर पुर्णतः निर्भर करता है । अघोर सहज है और मनुष्य जीवन काल को समाप्त करता हुआ जटिलता की और बढ़ता रहता है । जटिलता से वापस सहजता की ओर अग्रसर होना अत्यधिक कठिन है ।
अघोर में भय का कोई स्थान नहीं है । अगर भयभीत हुए तो कुछ समय की और प्रतीक्षा कर लें । अक्सर देखा गया है । अभी कुछ देखा या सुना या पढ़ा मन लालायित हो जाता है उस कार्य को करने के लिए । ऐसा अघोर पंथ में प्रवेश हेतु कतई ना करें । पढ़ते रहें समझते रहें एवं अघोर को जानते रहें । जब स्वः गुरु आत्मा का आदेश हो जाये कि अघोर पूर्णतः आपके लिए ही है तब प्रवेश लें या अघोर साधनाओं की ओर अग्रसर हों ।
अलख आदेश ।।।
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