Sunday 15 February 2015

श्री रमेश भाई ओझा के अनुपम शब्द


                              ॐ सत नमो आदेश श्री नाथजी गुरूजी को आदेश आदेश आदेश 


पूज्य श्री रमेश भाई ओझा के अनुपम शब्द :
                                         एक कारागार में राष्ट्रपति महोदय निरिक्षण करने गए । सभी कैदियों से उनकी व्यथा पूछी । किसी ने कहा दीवाल पुतवा दो । किसी ने कम्बल की मांग की । किसी ने लेखन सामग्री की मांग की । पर किसी चतुर कैदी ने प्रार्थना की “यहाँ से निकाल दो अब ऐसी गलती दुबारा नहीं करूँगा । सभ्य नागरिक की तरह जीवन निर्वाह करूँगा । ” उसे कारागार से मुक्ति मिल गयी ।
                                         हम सांसारिक भी ऐसा ही कुछ करते हैं । जब इश्वर के सामने आते हैं तो घर , संसार, क्षणिक सुख के लिए अरज लगाते हैं । जब परम परमेश्वर सब कुछ देने के भाव में आते हैं तो क्षणिक सुख सुविधा मांग कर अपनी इक्षा को छोटा कर लेते हैं । जब माँगना है तो कुछ ऐसा मांगे जो जीवन सफल बना दे । जीवन के बाद का जीवन सुखमय बन जाए । प्रसन्नता कुछ समय के लिए हो तो क्या लाभ ।
अलख आदेश ।।।

http://aadeshnathji.com/ramesh-bhai-ojha/ 

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