Friday 13 February 2015

अपने माता पिता की बुराईयाँ

                              ॐ सत नमो आदेश श्री नाथजी गुरूजी को आदेश आदेश आदेश 
                                   जो व्यक्ति अपने माता पिता का ना हो पाए । उनकी बुराईयाँ करे ।धर्म का ना हो पाए । अपने धर्म को सबसे बुरा बताये ।गुरु के निर्देशों का पालन ना करे गुरु के प्रति अश्रद्धा रखे । गुरु से छल करे । उनसे झूठ बोले ।गुरु भाईयों से कपट करे । संतों में भेद करे |ऐसे व्यक्ति या स्त्री पागल सर्प के सामान होते हैं । उनको विश्वास का पात्र समझना विश्वास को हानि पहुचाने के समान है । ऐसे व्यक्तियों के स्वाभाव को समझने के उपरान्त यथा शीघ्र दूरी बनानी चाहिए । अन्यथा वह सर्प जो अपनों का ना हो पाया वो किसी और का कभी नहीं हो सकता है ।
                             कुछ स्त्रियाँ अपने परिवार को बुरा बता कर सुहानुभूति प्राप्त करना चाहती हैं । कुछ व्यक्ति अपने गुरु के क्रोध को सहज रूप में ना लेकर उन्हें ही बुरा बताते हैं । ऐसे व्यक्तियों से सम्बन्ध रखना सभी के लिए हानि कारक सिद्ध होता है ।
अलख आदेश ।।।

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